कुछ दिल से
त्वचा-की-सुन्दरता-के-लिए-लाभकारी-उपाय |
किसी
के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है.....
किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....।
किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....।
गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......।
अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......।
कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
कोई
बीमार है.... इसलिए लाचार है....।
कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देता है....।
ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त
मिले तो सोचना....
कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे....
आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।
पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे...
आज दोस्तों की यादों में रहते है...।
पहले लड़ना मनाना रोज का काम था....
आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।
सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया, जाने
कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।
जिंदगी बहुत छोटी है, प्यार से जियो......
अभी सूरज नहीं डूबा, जरा सी शाम होने दो..
मैं खुद ही लौट जाऊंगा, मुझे नाकाम होने दो..
मुझे बदनाम करने के बहाने ढूंढते हो क्यूं?
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम, पहले नाम होने दो..
अभी करना नहीं कोई शिकायत मुझसे तुम,
मैं सुन लुंगा सब, ये चर्चा पहले आम होने दो..
मेरी हस्ती नहीं अनमोल, फिर भी बिक नहीं सकता,
वफाएं बेच लेना पर, जरा नीलाम होने दो..
नये आगाज में ही हौंसला क्यों हार बैठे हो?
जीत जाओगे तुम सब कुछ, जरा अंजाम होने दो..